Why NCMC is the Next UPI in Hindi ? NCMC अगला UPI क्यों है?
NCMC अगला UPI क्यों है?

मेरी एक रिसेंट ट्रिप का आपको मैं शेड्यूलिंग बताता हूं। दिल्ली की एक जगह पर मेरा सफर शुरू होता है जहां से मैं येलो लाइन मेट्रो लेते हुए न्यू दिल्ली स्टेशन पर आता हूं। इसके बाद में मैं एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लेते हुए एयरपोर्ट पहुंचता हूं। वहां से आता हूं मुंबई मुंबई एयरपोर्ट के बाहर आने के बाद में मैं बस लेता हूं एक मेट्रो स्टेशन तक और फिर मेट्रो लेता हूं घाटकोपर स्टेशन तक जहां से लोकल ट्रेन के जरिए मैं अपने घर पहुंचता हूं। पता है इस पूरे जर्नी के अंदर सबसे फ्रस्ट्रेशन पार्ट क्या है? टिकट्स मेट्रो, एयरपोर्ट एक्सप्रेस में की मेट्रो, बसेस और बाद में लोकल ट्रेंस।
ऐसे कई जगह हैं जहां पर हर ट्रांसपोर्ट मीडियम के अंदर सफर करने के लिए अलग टिकट्स लेने पड़ते हैं। सब जगह लाइन लगानी पड़ती है और कई जगह पर बहुत नाजुक पेपर पे दिए हुए टिकट्स को संभालना भी पड़ता है। लेकिन फॉर्चूनेटली मुझे एक्चुअली करना ही नहीं पड़ा। यह क्योंकि मेरे पास यह था जो कि है एक एनसीएमसी कार्ड या नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड। हर मेट्रो की एंट्री एग्जिट पर बस मुझे इसे टपा टप करना था और मैं इजली किसी भी गेट के अंदर बाहर चला गया। इनफैक्ट बस के अंदर भी इसी के जरिए में टिकट निकाल पाया और यह जो कार्ड पेमेंट सिस्टम है।
ये वैसे तो काफी कॉमन लगता है लेकिन यह ऐसे नहीं होने वाला है। यह देश के अंदर का एक अगला रेवोल्यूशन है और प्रोबेबली आने वाले चार से 5 साल के अंदर जितने कॉमन अब स्मार्टफोंस हो गए हैं जितना कॉमन हमारे देश के अंदर इंटरनेट यूज श हो गया है। उतना ही कॉमन हमें यह कार्ड होते हुए नजर आ सकता है। क्या है ये जरा डिटेल में समझते हैं? देखिए हमारे देश के अंदर आज के डेट में एक ट्रांसपोर्ट रेवोल्यूशन हो रहा है। कई छोटे-बड़े शहरों के अंदर मेट्रोस बन रही हैं, फेम स्कीम के अंतर्गत जो बसेस के ऑर्डर्स दिए जा रहे हैं।
देश के अंदर उनकी संख्या हजारों में है हर शहर के हिसाब से कई बार ये जो सर्विसेस है ये अलग-अलग ऑपरेटर्स के द्वारा चलती है। कभी वो उस सिटी की बॉडी होती है। कभी स्टेट लेवल की बॉडी और कभी-कभी तो प्राइवेट कंपनीज भी इनको चलाती है। इसलिए अगर चीजों को एफिशिएंटली और इजी टू यूज बनाना है तो एक कॉमन टिकटिंग सोल्यूशन की जरूरत थी। क्योंकि कई बार जो एक बहुत ज्यादा बड़ा रिस्ट्रिक्शन बनता है लोगों की पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन यूज करने के पीछे वो है उसका ईज ऑफ यूज कम होना। और टिकटिंग ईज ऑफ यूज के अंदर एक बहुत बड़ा फैक्टर निभाता है। क्योंकि उसके लिए समय भी लगता है। और कई बार यह प्रोसेस।
फ्रस्ट्रेटिंग भी हो सकता है। यह बात गवर्नमेंट जो है बहुत पहले से जानती थी। इनफैक्ट साल 2006 में इसके बारे में कांसेप्चुअल किया गया था। और इसके लिए प्लानिंग भी शुरू हुई थी। लेकिन कई चीजों की तरह वहां पर काम हो ही नहीं पाया। एक्चुअल में जो ये एनसीएम कार्ड है यह लॉन्च हुआ 2019 में। और जो एक जरूरी लॉन्ग टर्म विजन था यह एग्जीक्यूट 2019 में ही हुआ। जहां पर यह जो नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड है यह कई सारे अलग-अलग फाइनेंशियल एंटिटीज और बैंक्स ने सपोर्ट करना शुरू किया।
जहां पर जो जर्नी है वो एग्जिट के दौरान टोटल कैलकुलेशंस लेकर बाहर आती है। कई केसेस के अंदर फॉर एग्जांपल अगर मैं मेट्रो के अंदर जाता हूं तो यह कार्ड जब मैं टैप करता हूं तब मेरा यूसेज शुरू हो जाता है। लेकिन तब मेरा पैसा ऐसा डिडक्ट नहीं होता। जब मैं सिस्टम के बाहर जा रहा हूं उस पॉइंट पे देखा जाता है कि मैंने कहां से कहां तक ट्रेवल किया कैलकुलेशंस होकर मेरे बैलेंस से पैसा कटता है। करेंटली ज्यादातर एनसीएमसी कार्ड जो है वो प्रीपेड है। यानी उसके अंदर मुझे रिचार्ज करना पड़ता है।
फिर चाहे मैं किसी भी मेट्रो के अंदर उनका इस्तेमाल करूं या किसी भी सिस्टम के अंदर जहां पर इनका इस्तेमाल होता हो।
करेंटली अगर हम देखें तो देश के ऑलमोस्ट हर एक मेट्रो के अंदर एनसीएमसी कार्ड सपोर्टेड है। और यह मैंने पर्सनली चेक भी किया है। दिल्ली की कोई भी मेट्रो लाइन हो आरआरटीएस हो दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो मुंबई मेट्रो हर जगह पे सिंगल कार्ड के साथ में मैं ट्रेवल कर पाया हूं। और यही नहीं कुछ जगहों पर बसेस के अंदर भी इस्तेमाल हो रहा है। जैसे मुंबई के बेस्ट बसेस के अंदर आपको इनका अपना एनसीएमसी कार्ड भी नजर आएगा और आप कोई दूसरा एनसीएमसी कार्ड भी ले आते हो तो भी वो यहां पर चलता है।
लेकिन यहां पर राद दन एन लूप सिस्टम जहां पर एंड ऑफ जर्नी में पैसे कटेंगे। आपको जो है कभी-कभी डायरेक्टली टिकट भी इनसे मिल जाता है। लेकिन जो इनआउट वाला सिस्टम है जो आपको कई बार फॉरेन कंट्रीज में देखने मिलता होगा कि स्टार्टिंग में आप टिकट के मशीन पे टैप करते हो और फिर जाते हो। फिर से टैप करते हो और आपका पैसा डेट हो जाता है। वो सिस्टम्स भी इंस्टॉल किए जा रहे हैं और जो सबसे बड़ी बात होने वाली है इन कार्ड्स के इंटीग्रेशन के लिए वो है बाय डिफॉल्ट इनको देना मतलब क्या गवर्नमेंट ने बीच में सर्कुलर दिया था जिसके हिसाब से जो न्यू रूपे बैंक कार्ड्स है उनके अंदर बाय कार्ड नहीं, बल्कि एक प्रॉपर फाइनेंशियल टूल के तौर पर भी कई लोगों को काम में आ सकता है।
अब इसका फ्यूचर क्या है, देखो। अभी भी एक इशू इसके अंदर यह है कि कई मॉडर्न सिस्टम से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। मेट्रो तो है ही है क्योंकि वहां पर एकदम परफेक्ट सिनेरियो बनता है। एंट्री एग्जिट पॉइंट्स का जो सारे मेट्रोज में इंप्लीमेंट किया गया है। लेकिन कई जगहों के अंदर ये इंप्लीमेंट करना थोड़ा मुश्किल है। फॉर एग्जांपल, मुंबई के बसेस ने तो कर दिया, लेकिन देश के कई दूसरे शहरों में जहां पर बसेस चलती हैं तो है बड़ी संख्या में वहां पर अब तक ये इनेबल नहीं हुए हैं। लेकिन वहां पर भी ये जल्द हो जाएंगे।
अब दोस्तों, देश जो है अर्बनाइज हो रहा है। लोग गांवों से शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं और ये चीज अगले 25-30 साल के लिए बहुत ज्यादा तेजी से होने वाली है। इसके कारण जो पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन बढ़ रहा है, शेरों के अंदर उसका यूसेज बढ़ेगा। आज करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं, कल और करोड़ों इस्तेमाल करेंगे। इसके वजह से यह पेमेंट कार्ड जो है वो बहुत कॉमन बनेगा। इनफैक्ट, अगर आज जाकर आप बैठते हो किसी मेट्रो स्टेशन के गेट के ऊपर, जहां पे से लोग एंट्री लेते हैं अंदर, तो आपको इजली बहुत बड़ी संख्या में लोग जो है कार्ड्स इस्तेमाल करते हुए नजर आएंगे और वन टू टाइम ट्रेवलर जो है वही टिकट इस्तेमाल करते हैं।
और यह संख्या बहुत ही ज्यादा बड़े लेवल पर बढ़ेगी। और ये कई ज्यादा फायदे भी ले आएगी। फ्रिक्शन कम होता है इस्तेमाल करते व टिकटिंग काउंटर में भीड़ कम होती है। लोगों को जो है समय कम लगता है ट्रैवल करने के लिए। और ज्यादा अपीलिंग बनता है पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन। और इसीलिए यह एक नेक्स्ट बड़ा रेवोल्यूशन होगा देश के अंदर। आपको इसके बारे में क्या लगता है, मुझे कमेंट्स में जरूर बताना। और मैं आपको याद दिलाता हूं कि कल सेथ ऑफ अप्रैल 1 पए टू 3 पए अनअकैडमी का आरंभ 2024 होस्ट किया जाने वाला है।