Harshvardhan Rane की Comeback Film Savi. Divya Khosla Kumar T-series. Rating: 3.5/5 Savi Movie REVIEW explained in Hindi….
Savi Movie REVIEW explained in Hindi

अच्छा चलो ईमानदारी से बताना मैं जिन मूवीज का नाम ले रही हूं अभी आपने उनमें से कितनी देखी हैं और कितनी बार देखी हैं। सच-सच बोलना ठीक राज मर्डर कलयुग गैंगस्टर आवारापन जन्नत आशिकी टू लिस्ट बहुत लंबी जाएगी और हर नाम पे आपकी गर्दन हां में अपने आप झुक जाएगी। ना इन सबके बीच में कॉमन क्या है? फटाफट जल्दी से बताओ मैं बताऊं ये सारी मूवीज के क्रिएटर सेम टू सेम हैं। विशेष फिल्म्स एक टाइम था जब बॉलीवुड में विशेष फिल्म्स का मतलब बोल्ड डिफरेंट रिस्की और दिमाग को हिलाने वाला सिनेमा हुआ करता था।
लेकिन फिर ना तो बॉलीवुड वही रहा और विशेष फिल्म की मूवीज भी अचानक से आना बंद हो गई बट गुड न्यूज़ अच्छे दिन अब वापस आ रहे हैं। Savi यह है विशेष मूवीज की कमबैक फिल्म और यकीन मानिए फिल्म का कंटेंट इतना सॉलिड है जो सच में क्लासिक पुरानी मूवीज की याद ताजा कर सकता है। खतरनाक सस्पेंस थ्रिलर है जो एकदम आखिरी सीन तक आपके दिमाग को घसीट कर ले जाएगी। सेम टू सेम राज मर्डर जन्नत जैसी मूवीज की तरह सती सावित्री यह शब्द काफी बार सुना होगा आपने लेकिन इसके पीछे एक बड़ी इंटरेस्टिंग स्टोरी है।
जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे बोलते हैं। जब यमराज अपना मन बना लेते हैं तो फिर मौत को वापस मोड़ना नामुमकिन होता है। लेकिन एक कहानी ऐसी है जब यमराज को भी हारना पड़ा था सावित्री अपने पति के साथ जंगल में थी जब यमराज उसको लेने आ गए लेकिन पत्नी का पति के लिए प्यार इतना ताकतवर कि यमराज खुद सावित्री को वरदान में पति की जान देके आ गए। इसी मजेदार कांसेप्ट का इस्तेमाल करते हुए विशेष फिल्म्स ने एक जबरदस्त मॉडर्न वर्जन कहानी तैयार की है।
जिसमें पति-पत्नी और यमराज तीनों मिलेंगे इंग्लैंड की सबसे खतरनाक जेल को तोड़कर किसी को बाहर निकालना है। टेंशन वाली बात यह है कि टाइम थोड़ा कम है दिन नहीं घंटों में में सिर्फ 70 घंटे मिलेंगे निकालना किसको है। एक क्रिमिनल है जिस पर इल्जाम लगे हैं अपनी अंग्रेज बॉस का सर फोड़कर उसको जान से मारने का बारिश वाली रात के अंधेरे में सबूत है। उसके कोर्ट प मौजूद मरने वाली औरत के खून के लाल-लाल धब्बे कोर्ट ने तुरंत 12 साल की सजा में अंदर कर दिया बचने का नो चांस लेकिन पूरी दुनिया में सिर्फ एक इंसान ऐसा है।
जो इस बंदे को गिल्टी नहीं इनोसेंट मानता है। लंदन पुलिस अगर यमराज है तो अपनी साबी मॉडर्न सावित्री बन गई है। यकीन नहीं होगा किसी को एक मामूली सी हाउसवाइफ इंग्लैंड की सबसे खतरनाक जेल को तोड़कर अपने पति को बाहर निकालना चाहती है। लेकिन कैमरा कभी झूठ नहीं बोलता सिर्फ एक सवाल इतना आसान होता तो हर कोई नहीं कर लेता जवाब इस मास्क के पीछे है। जिसके हटते ही इस पूरी कहानी का असली मास्टरमाइंड बाहर आ जाएगा लेकिन उससे भी बड़ा कंफ्यूजन क्या है जानते हो हम लोग किस साइड खड़े हैं।
एक क्रिमिनल जो जेल तोड़कर मर्डर को आजाद करना चाहती है इसका साथ दोगे आप क्या होगा आगे यही सोच रहे हो ना पूरी फिल्म देखने का मन कर रहा है। ना कुछ अलग कुछ डिफरेंट देखने को मिल गया थैंक यू बोलना चाहते हो पूरा क्रेडिट डिजर्व करते हैं। विशेष फिल्म्स वाले जो काफी टाइम बाद एक ऐसा सिनेमा बॉलीवुड में लेकर आए हैं जो सिर्फ कहानी के दम पर पब्लिक को जीतना चाहता है।
राज हो मर्डर हो मर्डर टू हो आवारापन हो यह सब कहानियां हमेशा थोड़ा हटकर बनाई गई थी जिनको प्रिडिक्ट करना इतना आसान नहीं होता। एकदम आखिरी सीन तक सस्पेंस बना के रखना और क्लाइमैक्स में पब्लिक के दिमाग से खेल जाना सभी इस काम को बेहतरीन तरीके से रिपीट करने वाली है। सिर्फ फिल्म की एंडिंग नहीं वहां तक पहुंचने का जो पूरा लंबा रास्ता है। उसको खूब एंजॉय करने वाले हो आप क्योंकि एक भी सीन पुराना देखा दिखाया ऐसा नहीं होगा मुझे पता है। सबसे बड़ा डर जो आपको इस फिल्म को देखने से रोक रहा है, वो खुद इसकी लीड एक्ट्रेस हैं।
जिनकी एक्टिंग स्किल्स पे 0 पर भरोसा नहीं होगा किसी को बट मेरी बात मानो साभ उस टाइप की फिल्म है। जिसमें एक्टर कौन है? एक्टिंग कैसी है? इस सब पे ध्यान देने का मौका ही नहीं मिलेगा। कहानी में उलझ जाओगे आप हर्षवर्धन राने के लिए फिल्म देखना चाहते हो तो मत देखना उनका कुछ खास लंबा चौड़ा रोल नहीं है। बस सपोर्टिंग टाइप है। काम चलाओ हां लेकिन बिना कोई एक्सपेक्टशंस फिल्म देखना चाहते हो तो अनिल कपूर सर के लिए रेडी रहना यह बंदा सबसे बड़ा सरप्राइज बनके आपका पैसा वसूल कराएगा।
Savi को मेरी तरफ से मिलेंगे पांच में से पूरे तीन स्टार्स पहला डिफ हट के हॉलीवुड जैसा सब्जेक्ट दूसरा अनएक्सपेक्टेड एंटरटेनमेंट जितना सोचा नहीं उससे ज्यादा मजा आने वाला है। फिल्म के अंदर तीसरा सती सावित्री जैसे कंसेप्ट को मॉडर्न वर्जन में यूज करना। एक क्राइम थ्रिलर बनाने के लिए मान गए नेगेटिव्स में दो शिकायत हैं। पहला कहानी कहीं-कहीं पर इलॉजिकल हो जाएगी थोड़ा फिल्मी सींस जिनको दिमाग से समझना मुश्किल है।
दूसरा यार वो विशेष फिल्म्स का जो म्यूजिक होता है, वो इस फिल्म से गायब है। इमरान हाशमी वाले गाने उस टाइप का कुछ नहीं मिला अंदर तो बॉस Savi एकदम ग्रीन लाइट है। उन लोगों के लिए जो सस्पेंस थ्रिलर देखना पसंद करते हैं अब ये मत बोलना डायरेक्ट एक ही फिल्म में बॉलीवुड को हॉलीवुड बना दो वो नहीं हो पाएगा बस समझ गए।