Madgaon Express Movie review in Hindi | Madgaon Express Movie explained in Hindi 2024

Madgaon Express Full Movie Story Outline Explained & Positives Negatives in Hindi. Pure Comedy Films जैसे Hera Pheri, Dhol, Dhamaal & Golmaal दर्शकों के दिल में एक खास जगह रखती है। Madgaon Express Movie review in Hindi | Madgaon Express Movie explained in Hindi 2024

Madgaon Express Movie review in Hindi | Madgaon Express Movie explained in Hindi 2024
Madgaon Express Movie review in Hindi | Madgaon Express Movie explained in Hindi 2024

मडगांव एक्सप्रेस नाम की फिल्म रिलीज हुई है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन जो फिल्म देखकर आएगा वो सच में इसका लाइफ टाइम वाला फैन बन जाएगा हम लोग।

इंतजार कर रहे हैं हेराफेरी थ्र और भूल भूलेया थ्री जैसे सीक्वल्स का यकीन मानो दोस्त ये फिल्म कॉमेडी में उन सबसे बहुत आगे निकल जाएगी कहानी एक सपने की है गोवा का सपना जिसको स्कूल से लेकर कॉलेज तक तीन दोस्तों ने अपने दिल में संभाल के रखा है और जब पूरे 17 साल बाद यह सपना पूरा होता है तो गोवा इन तीन दोस्तों के साथ एक चौथा कैरेक्टर भी जाता है एक सुंदर सा लाल काला बैग बैग के अंदर क्या है यही सोच रहे हो लाल बैग के अंदर लाल गांधी जी और काले रंग की एक बंदूक खिलौने वाली नहीं है गोलियों से फुल लोडेड और एक छोटी सी सुंदर सी चाबी।

और यह चाबी जिस कमरे के दरवाजे पर लगे ताले को खोलती है उसके अंदर क्या हो सकता है गेस करो गेस करो मौका है दस्तूर है गोवा है पैसा है बंदूक है किसी चीज की कमी नहीं लगती हां ड्रग्स वो भी इस कहानी में बहुत जल्दी एंट्री मारते हैं पहले गोवा आ नहीं पा रहे थे और अब गोवा से जा नहीं सकते क्योंकि अपने हीरो लोग गोवा पुलिस की आंखों में अब सबसे बड़े विलन बन चुके हैं देखते ही उड़ा दो क्या कहानी में ट्विस्ट का वेट कर रहे हो एक रास्ता है बचने का उसके लिए आपको अपना जेंडर चेंज करना पड़ेगा साड़ी पहन के जा जी ले सिमरन अपनी जिंदगी भाई स्कैम 1992 जैसे शो के बाद अगर।

इस बंदे को बॉलीवुड में काम नहीं मिला तो आप समझ जाओ दुनिया में कुछ भी ईमानदारी से नहीं किया जाता या फिर मिर्जापुर से करोड़ों लोगों को अपने नाम के आगे इज्जत से भैया लगाने पे मजबूर करने वाली एक्टिंग के बाद भी मुन्ना भैया गायब कैसे हो गए और ये तीसरा चेहरा 99 पर लोग तो इनको पहचानते भी नहीं है रोमांस चाहिए ना बॉलीवुड से जाके लैला मजनू देखो जिंदगी में भूल ना पाओ ऐसा सिनेमा एनिमल का यह चेहरा तो कोई नहीं भूला होगा रणबीर भी डर जाए ऐसा स्क्रीन प्रेजेंस लेकिन इतना टाइम क्यों लगा इस चेहरे को पब्लिक के सामने लाने में सोचो इतना सारा अंडररेटेड टैलेंट जब किसी।

एक फिल्म में एक साथ इस्तेमाल किया जाएगा तो वो फिल्म ज्वालामुखी बनके नहीं फटेगी तो बोलो और क्या होगा मडगांव एक्सप्रेस वो सिनेमा है जिसको कई सालों से हम लोग धमाल गोलमाल हेराफेरी इन सबके बाद अपनी नई जनरेशन को बताने के लिए ढूंढ रहे थे और हैरान करने वाली बात जानते हो एक तरफ जहां बड़े नाम वाले डायरेक्टर्स अपनी खुद की फ्रेंचाइजर बाद करने पे तुले हैं इस बार एक एक्टर ने बाकी डायरेक्टर्स को सिखाया है कि एक प्योर कॉमेडी फिल्म बनाते कैसे हैं कुनाल खेमू सर इनके नाम के आगे सर लगा ने का रीजन है यह फिल्म क्या जबरदस्त पागलपन का सिनेमा बनाया है बिना सर पैर।

वाला हंसी मजाक भी नहीं और वल्गर जोक्स का सहारा लेकर उसको कॉमेडी बोलना यह पाप भी नहीं किया। सिर्फ और सिर्फ फनी राइटिंग के दम पर मडगांव एक्सप्रेस आपको पूरे दो घंटे हंसा हंसा के पागल करने की शक्तियां रखती है। फिल्म की कहानी बहुत जोरदार है। वैसे खूब सारे ट्विस्ट एंड टर्न्स डाले हैं जो फिल्म के क्लाइमैक्स को एकदम अनप्रिडिक्टेबल सा कर देते हैं। एकदम फ्रेश और डिफरेंट एक्सपीरियंस है। हॉलीवुड की एक फिल्म है द हैंगओवर नाम से कॉमेडी सिनेमा का भगवान बोलते हैं। उसको अगर इंडिया से किसी फिल्म उनको चुनना पड़ेगा ना हैंगओवर को ट्रिब्यूट देने के लिए तो मडगांव।

एक्सप्रेस का नाम सबसे पहले लिया जाएगा। टॉप लेवल कॉमेडी सिनेमा भरमार है। भाई पूरे दो घंटे सिचुएशनल कॉमेडी की सींस ऐसे बनाए हैं जहां कुछ बोलने की जरूरत ही नहीं पड़ती। आप सोच कर ही उसको दिमाग से हंसने लगते हो। दिमाग से याद आया इस फिल्म को अगर 100% एंजॉय करना है तो दिमाग घर पे छोड़कर आ जाओ। सिर्फ ताली पीटने के लिए साथ में एक दोस्त को लेकर चले जाना और हां फैमिली के साथ भी देख सकते हो। ये इस फिल्म का सबसे बड़ा अचीवमेंट है। एकदम प्योर कॉमेडी है। कुछ भी उल्टा सीधा एक डायलॉग तक नहीं। सेल्यूट है फिल्म को। मेरी तरफ से पांच में से पूरे चार स्टार्स मिलेंगे सर। सबसे पहले।

कुनाल खेमू का डायरेक्शन क्या सीन सोचे हैं यार और कैसे प्रेजेंट किया वाओ। दूसरा इतने सारे अंडर रेटेड एक्टर्स को इकट्ठा करके उनकी शक्तियों का सही इस्तेमाल करना सोचो। नौरा फतेह की एक्टिंग एकदम टॉप लेवल तक चली गई। तीसरा फिल्म की राइटिंग सच में बहुत फनी है भाई। डायलॉग्स बिल्कुल डबल मीनिंग नहीं है। प्योर कॉमेडी। क्लीन कॉमेडी। चौथा फिल्म का क्लाइमेक्स जबरदस्त है। सिर्फ फन नहीं वहां पे थ्रिल भी है। सस्पेंस भी है। तगड़ा वाला नेगेटिव में। बस एक छोटी सी शिकायत। थोड़ा सा फिल्म को लंबा करते। गोवा की डिटेल्स और ज्यादा दिखाते। गोवा सुनके जो दिमाग में आता है उसका कम।

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